रिपोर्ट- गोरख नाथ
खटीमा: जनपद उधम सिंह नगर के खटीमा में वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट और पशु चिकित्सकों की टीम की मदद से लगभग एक माह बाद वन विभाग को आदमखोर बाघ पकड़ने में मिली बड़ी सफलता।
खटीमा के सुरई वन क्षेत्र के अंतर्गत सीमांत गांव बगुलिया झाऊपरसा मे आए दिन आतंक का पर्याय बने आदमखोर बाघ को वन विभाग की कड़ी मशक्कत और लगातार प्रयास के बाद आखिरकार आज ट्रेंकुलाइज करने के बाद पकड़कर पिंजरे में कैद कर लिया गया।
आपको बता दें कि 13 मई और 25 मई को झाऊपरसा बगुलिया गांव के ही दो व्यक्तियों रोहित पुत्र महाजन उम्र 52 वर्ष तथा उमा शंकर पुत्र अलगू प्रसाद उम्र 35 वर्ष को घर से थोड़ी दूर सुरई कंपार्टमेंट 29 व 36 में घास काटने के दौरान हमला करके बाघ ने मौत के घाट उतार दिया था तभी से क्षेत्र में भय और दहशत का माहौल बना हुआ था तथा कई परिवार गांव छोड़कर पलायन भी कर चुके थे साथ ही आए दिन घटना क्षेत्र में ही बाघ के देखे जाने की सूचना मिल रही थी।
वहीं भयभीत व आक्रोशित ग्रामीण भी लगातार वन विभाग व प्रशासन से बाघ को पकड़ कर अन्यत्र छोड़ने की गुहार लगा रहे थे। इसी क्रम में सोमवार को भी एसडीएम कार्यालय पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन करते हुए बाघ को तुरंत पकड़ कर अन्यत्र छोड़ने गुहार लगाते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था।
वहीं वन विभाग भी घटना के बाद से ही पिंजरा लगा कर, कैमरा ट्रैप व ड्रोन के माध्यम से बाघ को पकड़ने के लिए लगातार उसकी लोकेशन खंगालने में जुटा हुआ था। साथ ही वन विभाग की टीम द्वारा घटना क्षेत्र में लगातार दिन-रात गश्त भी किया जा रहा था।
इसी क्रम में मुख्य वन संरक्षक उत्तराखंड द्वारा बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति के बाद आज नव प्रशिक्षु आईएफएस डी-नायक, वन क्षेत्राधिकारी सुधीर कुमार, उप प्रभागीय वन अधिकारी रामकृष्ण मौर्य, डॉक्टर आयुष, डॉक्टर हिमांशु पांग्ती, वन्यजीव विशेषज्ञ डाॅ जय प्रताप सिंह सिद्धू व अन्य वन कर्मियों द्वारा घटना क्षेत्र में गश्त के दौरान बाघ की एग्जैक्ट लोकेशन मिलने पर 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग, पशु चिकित्सकों व वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट की संयुक्त टीम द्वारा पूरनपुर रोड पर बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ कर पिंजरे में कैद कर लिया गया जहां से खटीमा रेंज परिसर लाया गया उसके बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बाघ को सुरक्षित नैनीताल जू भेज दिया गया।
वहीं सुरई वन क्षेत्राधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि डैम और आरक्षित वन क्षेत्र झाऊपरसा गांव में 13 मई और 25 मई को बाघ द्वारा दो लोगों की हत्या के बाद से ही उच्च अधिकारियों के निर्देश और अनुमति पर घटना क्षेत्र में पिंजरा लगाकर, कैमरा ट्रैप तथा ड्रोन कैमरा के माध्यम से लगातार बाघ की लोकेशन खंगाली जा रही थी।
इसी क्रम में बाघ की एग्जैक्ट लोकेशन मिलने के बाद तथा उच्चाधिकारियों के निर्देश व अनुमति पर नव प्रशिक्षु आईएफएस दिगन्त नायक, तराई पूर्वी वन प्रभाग के चिकित्सक डॉक्टर आयुष, डॉ हिमांशु पांग्ती, वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ जय प्रताप सिंह सिद्धू व सुरई वन रेंज की टीम द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया लगभग 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आज बाघ को ट्रेंकुलाइज करके पकड़कर पिंजरे में कैद कर लिया गया जहां से उच्च अधिकारियों के निर्देश पर इसे सुरक्षित स्थान पर भेज दिया जाएगा।
वहीं आदमखोर बाघ के पकड़े जाने की सूचना पर रेस्क्यू स्थल तथा वन रेंज परिसर खटीमा में बेहोश बाघ को देखने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। इस दौरान डिप्टी रेंजर सतीश रेखाड़ी, सुखदेव मुनि, वन दरोगा आरडी वर्मा, बाबूराम, ओमकार, हरीश आर्य, राजू दास, अजमत खान, सुंदरलाल, चंद्रपाल, फॉरेस्ट गार्ड मुकेश कुमार, रविंद्र, राहुल, बृजेश तथा मदन गोपाल सहित थाना अध्यक्ष दिनेश फर्त्याल के नेतृत्व में झनकईया थाना के पुलिस कर्मी भी मौजूद रहे।