रिपोर्ट- गोरख नाथ
खटीमा: भारत नेपाल सीमा और यूपी से लगे जनपद उधम सिंह नगर खटीमा के गांव सिसैया, बगुलिया, झाऊपरसा, बंधा, बलुवा, खैरानी तथा बन महोलिया आदि के ग्रामीणों ने खटीमा विधायक भुवन चंद कापड़ी के नेतृत्व में एसडीएम खटीमा को ज्ञापन सौंपा।
ग्रामीणों का आरोप है कि शारदा सागर डैम में अचानक भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से खेतों की फसल पानी में डूबने से बुरी तरह बर्बाद हो गई है। वहीं घर, खेत, फसल व घर का पूरा सामान पूरी तरह से जलमग्न हो गया है।
बच्चों को स्कूल जाना तथा ग्रामीणों का घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है। लोग भुखमरी के कगार पर हैं। जलभराव से मगरमच्छ, सांप जैसे अन्य जहरीले जानवरों के निकलने तथा छोटे-छोटे बच्चों का पानी में डूबने का खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने विधायक भुवन चंद कापड़ी के माध्यम से एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर डैम का पानी तत्काल बंद कराने की गुहार लगाई है ताकि तत्काल राहत मिल सके।
ग्रामीणों का कहना है कि लगभग 60 वर्षों से हम लोग यहां बसे हुए हैं खेती गृहस्थी करते चले आ रहे हैं यहां तक कि उत्तराखंड सरकार द्वारा विद्युतीकरण, आंगनवाड़ी केंद्र, राजकीय विद्यालय, सीसी रोड आदि जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराई गई है इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सिंचाई विभाग और डैम की जमीन बताकर शारदा सागर डैम में असीमित जलभराव करके ग्रामीणों, मजदूरों तथा छोटे काश्तकारों को परेशान और तबाह किया जाता है।
आपको बता दें कि शारदा सागर डैम का नियंत्रण उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत आता है और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर भारी मात्रा में डैम के अंदर जलभराव करके लोगों को परेशान व तबाह किया जाता रहा है। वहीं लोगों को गांव खाली करने के बाबत समय-समय पर चेतावनी स्वरूप नोटिस भी दिया जाता रहा है।
जिसके विरोध में हर समय ग्रामीण अपनी समस्या को लेकर के मुखर भी होते रहें हैं। वहीं लोगों का कहना है कि जानकारी के मुताबिक आज तक इतना पानी कभी नहीं भरा गया था और ना ही कभी इतनी तबाही हुई थी। जब जब फसल तैयार होती है तो डैम का पानी छोड़ कर सब कुछ बर्बाद और तबाह कर दिया जाता है।
यहां तक कि मगरमच्छ, सांप जैसे अन्य जहरीले जलीय जीवों से भी बराबर खतरा बना रहता है। कई बार घरों में मगरमच्छ घुसने तथा उनके द्वारा की गई घटना की शिकायत भी सामने आई है। पूर्व में जलभराव में डूबने से दो मासूम बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। वहीं वर्तमान में भी डैम में लगातार पानी भरने से ग्रामीणों का सब कुछ बर्बाद और तबाह हो चुका है।
खेतों में सैकड़ों एकड़ गन्ने की फसल डूब चुकी है। घर का सारा सामान, खाद्यान्न, सब कुछ जलमग्न है। घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं नाव का सहारा लेना पड़ रहा है तो वहीं स्कूली बच्चे भी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।
वहीं खटीमा विधायक भुवन चंद कापड़ी ने बताया कि पिछले कई दिनों से शारदा सागर डैम में लगातार पानी भरने से डैम का पानी ओवरफ्लो होकर सिसैया, बंधा, बलुआ, खैरानी, बन महोलिया, बगुलिया, झाऊपरसा तथा 22 पुल आदि गांवों को भारी नुकसान कर रहा है।
डैम भरने के चक्कर में ग्रामीणों की हजारों एकड़ गन्ने की फसल बर्बाद हो चुकी है। इस संदर्भ में विधायक कापड़ी ने मुआवजे के साथ ही जलभराव रोकने की भी मांग की। उन्होंने बताया कि कैनाल के एसडीओ से बातचीत कर मौके का निरीक्षण करवा कर इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने का आश्वासन एसडीएम ने दिया है।
उन्होंने संबंधित विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि लंबे समय से नहरों और डैम की सफाई तथा मरम्मत कार्य नहीं हुआ है जिस कारण सिल्ट जमने से जलस्तर ऊपर तक आ गया है जो आसपास के ग्रामीणों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से भी डैम काफी कमजोर हो चुका है जिसको उत्तर प्रदेश की सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए नहीं तो भविष्य में कभी भी बड़ा हादसा और नुकसान हो जाएगा।
वहीं खटीमा एसडीएम रविंद्र बिष्ट ने बताया कि बंधा, सिसैया, बगुलिया आदि गांवों में डैम का पानी ओवरफ्लो होने से काफी लोगों का नुकसान हो रहा है। इसी समस्या को लेकर ग्रामीण तथा विधायक जी आए थे।
इस संदर्भ में संबंधित पीलीभीत, बरेली और सितारगंज के सिंचाई विभाग के एसडीओ को निर्देशित किया गया है कि तत्काल मौके का निरीक्षण कर पानी कम कराने का उपाय ढूंढे ताकि लोगों के खेतों में खड़ी फसल गन्ना आदि का नुकसान ना हो।
इस दौरान बलदेव, संतोष, विमल, चुम्मन, रामायण, रमाकांत, प्रह्लाद यादव, हरि ओम, राम छबीला, वीरेंद्र, विमलेश, संदीप, अनिल, राजेश, संजीव पासवान, छोटे लाल तथा राहुल कुमार सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।