बनबसा: परिजनों ने लगाई शासन प्रशासन से मदद की गुहार, भावुक सोनाली गुप्ता ने भारतीय दूतावास पर बदइंतजामी और अनदेखी का लगाया आरोप।।

रिपोर्ट- गोरख नाथ

बनबसा जिला चम्पावत : यूक्रेन और रशिया विवाद के बीच फंसे भारतीय छात्र छात्रों में उत्तराखंड के चंपावत जनपद के सीमान्त बनबसा नगर की रहने वाली सोनाली गुप्ता के परिवार ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार। नेपाल सीमा से लगे बनबसा नगर में बर्तन व कपड़ों की साझा दुकान चलाने वाले किशोर कुमार गुप्ता की पुत्री सोनाली गुप्ता यूक्रेन के विनिष्ठा शहर में एमबीबीएस के फोर्थ ईयर की छात्रा है। यूक्रेन रशिया विवाद के बाद से ही सोनाली का परिवार सोनाली की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है। सोनाली के माता पिता का कहना है कि उनकी बच्ची एवं अन्य कई छात्र छात्रायें बीते चार-पांच दिनों से लगातार कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, उनके पास राशन व अन्य सुविधाओं की भारी कमी है। ऐसे में भारतीय दूतावास के द्वारा वहां फसे लोगो से रोमानिया के बॉर्डर तक का सफर खुद करने के निर्देशों के बाद उनकी मुश्किलें और बढ़ गई है। वहीं सरकार द्वारा जारी किए नम्बरों पर भी किसी से बात नही हो पा रही है। साथ ही वीडियो कॉल पर परिवार से बात करते हुए सोनाली ने जानकारी दी कि वो और उसके साथी छात्र छात्रायें प्राइवेट बस बुक करके रोमानिया बॉर्डर के सफर पर निकल रहे हैं, जहाँ पहुंचने के लिये उन्हें लगभग 6से 7 घंटे का समय लगेगा, जिसके बाद उन्हें बॉर्डर पार भी करना होगा। अपनी बच्ची को ऐसे हालातों का सामना करते देख सोनाली के माता पिता सरकार से उसकी सकुशल वापसी के लिए गुहार लगा रहे हैं।।

वीडियो कॉलिंग पर बात करते हुए एमबीबीएस की छात्रा सोनाली गुप्ता के माता पिता…

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

भावुक सोनाली गुप्ता ने भारतीय दूतावास पर बदइंतजामी और अनदेखी का लगाया आरोप देखे विडियो..

वहीं यूक्रेन युद्ध के बीच फंसी चम्पावत के बनबसा की सोनाली गुप्ता ने रोमानिया बॉर्डर से वीडियो भेज भारत सरकार एवम भारतीय दूतावास के अधिकारियों पर बदइंतजामी और अनदेखी के आरोप लगाए है । सोनाली के अनुसार वो और उनके लगभग दो दर्जन साथी छात्र छात्राओं को पहले रोमानिया बॉडर पर पहुंचने के लिए कहा गया जब वो लोग खुद व्यवस्था बना कर रात भर अपनी जान को जोखिम में डाल रोमानिया के बॉर्डर पर पहुचे तो उन्हें यह कह कर रोमानिया में प्रवेश करने से रोक दिया गया कि आपके देश के दूतावास से हमें इस बारे में कोई जानकारी नही दी गई है। वही छात्र छात्रों का यह आरोप है कि भारतीय दूतावास से भी उनकी कोई मदद नही की जा रही है।

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