संवाददाता- गोरख नाथ
खटीमा: जनपद उधम सिंह नगर मे खटीमा के सीमांत ग्राम पंचायत सिसैया के ग्रामीणों ने पूर्व में एक प्रार्थना पत्र संबंधित विभाग को सौंप कर सिसैया के 1491 एकड़ जमीन के सीमांकन के लिए सिंचाई विभाग,वन विभाग तथा राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त सर्वे हेतु आग्रह किया था ताकि ग्रामीणों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिल सके।
वहीं इस संबंध में उप जिला अधिकारी खटीमा द्वारा एक पत्र जारी कर 1 अगस्त 2022 को सिसैया के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में संयुक्त सर्वे टीमों की ग्रामीणों के साथ एक बैठक निर्धारित की गई थी लेकिन तीनों विभागों से बंदोबस्त राजस्व विभाग सितारगंज सर्वे कानूनगो,लेखपाल तथा खटीमा से एक लेखपाल के अलावा कोई भी जिम्मेदार और सक्षम अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।
जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त हो गया और गुस्साए ग्रामीणों ने संबंधित विभागों के अधिकारियों पर गुमराह, मनमानी और परेशान करने का आरोप लगाया।
वहीं सर्वे कानूनगो बंदोबस्त राजस्व विभाग सितारगंज से आए संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि तीनों विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति में बैठक होनी थी लेकिन तीनों विभागों के जिम्मेदार सक्षम अधिकारी किन्ही कारणों से मौके पर नहीं पहुंच पाए।
वहीं स्थानीय ग्रामीण राहुल कुमार बताया कि सिसैया के जमीन बंदोबस्ती को लेकर संयुक्त सर्वे टीम की बैठक होनी थी जिसमें राजस्व विभाग खटीमा के पटवारी तथा बंदोबस्त विभाग सितारगंज से कानूनगो और पटवारी पहुंचे हैं परंतु सिंचाई विभाग व वन विभाग से कोई भी जिम्मेदार सक्षम अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित नहीं हुए।
उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व में भी कई बैठकों में वन विभाग और सिंचाई विभाग उपस्थित नहीं हुए है । उन्होंने कहा कि जमीनों के विनियमितीकरण को लेकर 2006 से मांग करते आ रहे हैं की सिसैया की 1491 एकड़ जमीन में जो जहां बसा है उसका बंदोबस्ती कर मालिकाना हक दे दिया जाए और जमीन संबंधी समस्या का निस्तारण कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि 2016 में 1491 एकड़ जमीन की बंदोबस्ती को लेकर सरकार द्वारा आदेश के बाद 2017 से बंदोबस्ती का काम शुरू हुआ था लेकिन वह अधर में लटका हुआ है।
वहीं स्थानीय ग्रामीण बलवंत शाही ने बताया कि जमीनों के बंदोबस्ती और मालिकाना हक को लेकर सितंबर 2021 में नैनीताल कमिश्नर से मुलाकात के बाद जिला अधिकारी द्वारा अक्टूबर 2021 में कमेटी बनाई गई लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही और गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बैठक निर्धारित करने के बाद कोई भी सक्षम अधिकारी नहीं पहुंच पाते हैं केवल खानापूर्ति की जाती है और आज की भी बैठक में सभी ग्रामीण उपस्थित हुए लेकिन कोई भी सक्षम अधिकारी नहीं पहुंच पाए हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की संयुक्त सर्वे कराकर जमीनों के सीमांकन के बाद हमें हमारी जमीनों का मालिकाना हक दे दिया जाए।
इस दौरान खटीमा राजस्व विभाग से लेखपाल अनिल कुमार, सर्वे कानूनगो सितारगंज से संतोष कुमार श्रीवास्तव, सर्वे लेखपाल कल्लू सिंह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य कन्हैयालाल, पूर्व ग्राम प्रधान राम सजीवन, श्याम नारायण, कुबेर राजभर, संतोष साहनी, द्वारिका, दिनेश कुमार, अवधेश,श्री राम, प्रमोद कुमार,रामचंद्र तथा बीरबल सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित रहे।