रिपोर्ट- गोरख नाथ
खटीमा: खटीमा के गांव सुजिया निवासी विक्रम सिंह राणा पुत्र श्यामू ने विपक्षी गणों राम सिंह पुत्र राम प्रसाद, सुमन पत्नी जवाहर, राजवती पत्नी जयपाल, प्रवेशवती पत्नी परशुराम, सुलोचना पत्नी राम सिंह, बीरबल पुत्र राम सिंह, नीता देवी पत्नी बीरबल आदि से आवास व जमीन संबंधी विवाद में खटीमा सिविल जज जूनियर डिविजन द्वारा पारित स्थगन आदेश का अनुपालन कराने हेतु 6 जून को एसडीएम खटीमा को प्रार्थना पत्र दिया था।
इसी क्रम में 7 जून को विपक्षी गणों द्वारा पुलिस को सूचना दी गई कि विक्रम सिंह राणा आदि लोगों ने मारपीट किया है। मौके पर पहुंचकर पुलिस द्वारा पीड़ित पक्ष के विक्रम सिंह राणा आदि को पुलिस थाने लाई तथा कानूनी कार्रवाई करते हुए उनके चालान काट दिए।
वहीं पीड़ित पक्ष का आरोप है कि विपक्षी गणों द्वारा कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है जबकि आदेश में विपक्षी गणों को प्रार्थी के आवासीय मकान पर हस्तक्षेप करने, कब्जा करने, मकान तोड़ने, अविधिपूर्ण कार्य करने से रोका गया है।
इसके बावजूद भी पीड़ित पक्ष का आरोप है कि सूजिया गांव में खसरा नंबर 19712 मध्ये निर्मित वर्ग मीटर 39.9578 व खुला वर्ग मीटर 39.4266 कुल वर्ग मीटर 79.38440 आवासीय मकान जो वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण हो चुका है जिस पर विपक्षी गणों द्वारा हस्तक्षेप कर जबरन कब्जा करके मकान को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
विरोध करने पर विपक्षी गणों द्वारा प्रार्थी व उनके परिवार के साथ आए दिन मारपीट, गाली-गलौज और जबरदस्ती घर से सामान फेंक कर घर खाली करने, सामान में आग लगाने का प्रयास किया रहा है तथा आवास का रास्ता अवरुद्ध किया जा रहा है। घर में घुसने नहीं दिया जा रहा है। वहीं कोर्ट का आदेश दिखाने के बाद भी विपक्षीगणों द्वारा धमकी दी जा रही है।
इसी कड़ी में पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस द्वारा 7 जून को मौके पर पहुंचकर कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने के बजाय पीड़ित पक्ष के ही खिलाफ कार्रवाई कर दिया गया तथा विपक्षी गणों को खुला छोड़ दिया गया। सूचना पर मौके पर पहुंचकर खटीमा एसडीएम रविंद्र बिष्ट ने स्थिति का जायजा लिया तथा उन्होंने मीडिया को बताया कि माननीय सिविल जज जूनियर डिविजन खटीमा द्वारा वादी के पक्ष में पारित अंतरिम आदेश के अनुसार वादी जहां रहते हैं।
विपक्षी द्वारा किसी प्रकार का हस्तक्षेप न किया जाए कहा गया है। उसी के अनुपालन को लेकर हमारे द्वारा थानाध्यक्ष को आदेशित किया गया था लेकिन पुलिस द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में हमारे द्वारा कार्रवाई की जाएगी तथा माननीय न्यायालय के आदेशों का अनुपालन कराना सुनिश्चित करवाएंगे। वहीं पीड़ित पक्ष की मनीषा ने विपक्षी गणों से जान माल का खतरा बताते हुए विपक्षी गणों द्वारा मारपीट, गाली गलौज, घर में न घुसने देने, घर के सामान में आग लगाने, जबरदस्ती घर का सामान निकाल कर बाहर फेंकने के साथ ही पुलिस पर भी कोर्ट के आदेश का पालन न करने का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
वहीं मनीषा ने बताया कि हमारे पास कोर्ट का स्थगन आदेश है इसके बावजूद भी सिविल कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर हम लोगों को परेशान किया जा रहा है।