रिपोर्ट: विवेक शर्मा
पीलीभीत: सदर एसडीएम योगेश कुमार गौड़ ने भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंचकर ढाबे को बुलडोजर से ध्वस्त किया और जमीन को कब्जे से मुक्त कराया, जमीन की बाजार में कीमत 70 लाख के आसपास बताई जा रही है।
सरकार बनने के बाद पहली बार चला बाबा का बुलडोजर, ललौरीखेड़ा विकास खंड की ग्राम पंचायत खरुआ की पूर्व प्रधान विमला देवी के पति वीरपाल ने तकरीबन दो दशक पहले बरेली हाईवे स्थित फ्लोर मिल के सामने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर ढाबे का पक्का निर्माण कर लिया था।
खरुआ ग्राम पंचायत के मजरा बालपुर पट्टी निवासी वीरपाल इस ढाबे का संचालन कर रहा था। इस मामले में कुछ लोगों ने तहसीलदार सदर के यहां प्रार्थना पत्र देकर सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग की थी।
तहसील सदर न्यायालय में मामले की सुनवाई के उपरांत 17 दिसंबर को सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन विधानसभा चुनाव की व्यस्तता के चलते प्रशासन सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त नहीं करा सका। उपजिलाधिकारी सदर योगेश कुमार गौड़ ने सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया।
जिसके मद्देनजर तहसीलदार सदर राजेश कुमार शुक्ल, नायब तहसीलदार अक्षय कुमार मंगलवार अपराह्न जहानाबाद थाना पुलिस के साथ बुलडोजर लेकर मौके पर पहुंचे।
बताते हैं कि ढाबे पर मौजूद वीरपाल की पत्नी विमला देवी तथा अन्य स्वजन ने कार्रवाई का विरोध करते हुए पथराव करने का प्रयास किया। इस दौरान विमला देवी के सिर में चोट लग गई।
वीरपाल घायल पत्नी को लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचे। तहसील सदर की टीम ने भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में बुलडोजर से सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए ढाबे को ध्वस्त कर दिया। मौके पर खासी भीड़ भी जुट गई। काफी देर तक वहां अफरा तफरी का माहौल रहा।
उक्त कार्रवाई की बाबत प्रशासन की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि ग्राम बालपुर पट्टी निवासी वीरपाल पुत्र रीत राम की ओर से अवैध अतिक्रमण कर पक्का निर्माण किया गया था। न्यायालय तहसीलदार सदर के द्वारा समक्ष वाद संख्या अंतर्गत धारा 67 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 आयोजित किया गया।
जिसका न्यायालय द्वारा 17 दिसंबर 21 को बेदखली का आदेश पारित किया गया कितु वीरपाल द्वारा कब्जा नहीं हटाया गया। उपजिलाधिकारी सदर के निर्देश पर मंगलवार को जहानाबाद थाना पुलिस बल की उपस्थिति में अवैध अतिक्रमण हटा दिया गया। अतिक्रमण मुक्त कराई गई भूमि की बाजार कीमत लगभग 70 लाख रुपये से अधिक है।
करीब 25 साल से उक्त भूमि पर ढाबा बनाकर परिवार का भरण पोषण कर रहा था। कुछ समय से संतोष और किशन आदि उक्त भूमि को खाली कराने के लिए शिकायत कर रहे थे। मंगलवार को सदर तहसीलदार और जहानाबाद थाना पुलिस ने बुलडोजर से ढाबा ध्वस्त कर दिया।
पत्नी विमला देवी ने विरोध भी किया था, तभी उसके सिर में चोट लग गई थी। चोट कैसे लगी यह तो किशन और संतोष से ही पुलिस पूछताछ करे। मेरे पांच बच्चे हैं, बेटियों की शादी करनी है। कोई जमीन हमारे पास नहीं है, ढाबे से ही गृहस्थी चल रही थी।
सदर एसडीएम योगेश कुमार गौड़ने क्या बताया
मामला बालपुर पट्टी का है जो तहसील सदर में आता है, इसमें तहसीलदार के द्वारा 17 दिसम्बर को आदेश भी हो गया था, उसके बाद भी इन्होंने अपना कब्जा नहीं हटाया, कई बार नोटिस देने के बाद आज ये कार्रवाई की गई है। कोर्ट के आदेश के बाद हम लोगों ने जमीन को आज मुक्त कराया है, यहां जलमग्न जमीन पर पक्का निर्माण कर ढाबा बनाया गया था।