रिपोर्ट रचित मिश्रा
पीलीभीत में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एडीबी (एग्रीकल्चर डेवलेपमेंट ब्रांच) ने जेल में बंद किसान के नाम पर लोन कर दिया।
क्या कभी जेल में सजा काट रहे बंदी का लोन भी हो सकता है. नहीं ना, लेकिन उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में ये संभव है. बरखेड़ा के एक किसान के साथ सनसनीखेज मामला सामने आया है, जो कि हत्या के मामले में जिला जेल में सजा काट रहा है. जबकि दूसरी तरफ उसकी जमीन पर चार लाख 39 हजार का कृषि लोन निकाल लिया गया है. जानकारी के बाद किसान के बेटे ने अब एसपी से न्याय की गुहार लगाई है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रयासरत है, लेकिन इन प्रयासों का पलीता लगा रही जनपद की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एडीबी (एग्रीकल्चर डेवलेपमेंट ब्रांच) का अब नया कारनामा उजागर हुआ है. पीलीभीत के बीसलपुर तहसील क्षेत्र में स्थित स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की एडीबी का बड़ा खुलासा तब हुआ है, इसको लेकर एक युवक छविनाथ पुत्र लालता प्रसाद ने एसपी के समक्ष पेश होकर न्याय की गुहार लगाई. उसने बताया कि वर्ष 2001 से उसके पिता हत्या के मामले में सजा काट रहे हैं और इस बीच उसके पिता की कृषि भूमि खतौनी खाता संख्या 00122, 2.2210 हेक्टेयर ग्राम मोहम्मदगंज रामपुरा, तहसील बीसलपुर का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एडीबी में 29 अप्रैल 2019 को 4 लाख 39 हजार रुपये का कृषि लोन कर दिया गया. साथ ही राजस्व खतौनी में भी दर्ज करा दिया गया. बड़ी बात ये है कि अभिलेखों में किसान का अंगूठा लगा हुआ है. जबकि किसान साक्षर होने की वजह से हस्ताक्षर भी करना जनता है.
पिता के फर्जी कागजात बनाकर लोन लेने के मामले में जब किसान के बेटे छविनाथ ने बैंक अधिकारियों से बातचीत करने का प्रयास किया, तो उसे संतुष्टजनक जवाब नहीं दिया गया. वहीं, इस लोन में गवाही देने वाले आरोपी शिवचरण लाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए छविनाथ ने एसपी से शिकायत की है. एसपी मनोज कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्त्काल एसएचओ बरखेड़ा को जांच के आदेश दिए हैं. फिलहाल इस ठगी के बाद इलाके में हड़कंप मचा हुआ है.